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नागी-नकटी पक्षी अभ्यारण्य || Naga-Nakti Bird Sanctury

नागी-नकटी पक्षी अभ्यारण्य || Naga-Nakti Bird Sanctury

 आज हम आपको बिहार के एक बेहद खूबसूरत जगह पर लेकर चलेंगे, जिसे हम धरती के स्वर्ग कहे जाने वाले स्थलों में से एक कहें तो गलत नहीं होगा। जी हाॅं हम बात कर रहें है जमूई जिले में स्थित नागी-नकटी पक्षी अभयारण्य की। वैसे तो नागी डैम और नकटी डैम दो अलग अलग अभ्यारण्य हैं लेकिन बेहद पास होने के कारण इन्हें एक ही माना जाता है।

नागी-नकटी पक्षी अभ्यारण्य कइ प्रजाती के स्थानयी और प्रवासी पक्षियों का विस्तृत निवास क्षेत्र है, प्रवासी पक्षी  यूरेशिया, मध्य एशिया, आर्कटिक सर्कल, रूस और उतरी चीन से शीत ऋतु के दौरान यहां आते हैं। इन अभयारण्यों में पक्षियों की 136 से अधिक प्रजातियों को देखा गया है। जिसके कलरव की गुंज से पूरा इलाका चहक उठा है। इसकी ख्याती आज सिर्फ बिहार में ही नहीं है बल्कि ये स्थल पूरे भारत के पक्षी प्रेमियों के लिए आकर्षण का केन्द्र बन हुआ है।

बिहार में प्रवशी पक्षियों का प्रमुख वास स्थल

साइबेरियन सहित कई अन्य प्रवासी और देशी पक्षियों की प्रजाति जाड़े के मौसम में यहां डेरा डालते हैं। समान्यतः नवम्बर से मेहमान पक्षियों का आगमन शुरू हो जाता है और यह सिलसिला अप्रैल माह तक निरंतर जारी रहता है, जैसे जैसे सर्दी बढ़ती है वैसे वैसे इनकी संख्या में भी वृद्धि होती है। 25 फरवरी 1984 को सरकार ने नागी-नकटी डैम को नागी-नकटी पक्षी अभ्यारण्य के रूप में स्वीकृति दी थी। जो करीब 521 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला हुआ है।

सरकार द्वारा टापू निर्माण की योजना

सरकार द्वारा पर्यटक और प्रवासी पक्षियों के लिए जलाशय में कइ टापू निर्माण की योजना है। टापू पर जमूई वन प्रमंडल द्वारा गूलर और जामून के पेड़ लगाये जायेंगे, जिसके फल का इस्तेमाल ये भोजन के रूप में करेंगे।

 

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